
ग़ज़ा में राहत केंद्रों के पास हो रही हिंसा ने भयावह रूप ले लिया, इसराइली सेना की गोलीबारी में 45 फ़लस्तीनियों की जान चली गई। यह हमला ग़ज़ा ह्यूमेनिटेरियन फ़ाउंडेशन (GHF) द्वारा संचालित राहत केंद्र के पास हुआ, जहां हज़ारों लोग भोजन और राहत सामग्री पाने की उम्मीद में इकट्ठा हुए थे।
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खान यूनिस के पास जंक्शन पर फायरिंग
चश्मदीदों के अनुसार, यह गोलीबारी ग़ज़ा के दक्षिणी इलाके ख़ान यूनिस के पूर्वी भाग में एक व्यस्त जंक्शन पर हुई। यहां हर रोज़ हज़ारों फ़लस्तीनी GHF केंद्र पर खाने के पैकेट लेने पहुंचते हैं। उसी दौरान सेना ने गोलियां बरसाईं, जिससे भारी जनहानि हुई।
हमास संचालित मंत्रालय की पुष्टि
ग़ज़ा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि 45 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों अन्य घायल हैं। यह अब तक की सबसे घातक गोलीबारी हो सकती है जो किसी सहायता वितरण केंद्र के पास हुई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: UN प्रमुख की कड़ी टिप्पणी
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने इसराइल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह भोजन को “हथियार” बना रहा है। उन्होंने GHF केंद्रों के पास हुई गोलीबारी की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब ग़ज़ा में स्थिति मानवीय संकट की ओर बढ़ रही है।
7 अक्टूबर 2023 से अब तक 55 हज़ार से अधिक मौतें
ग़ज़ा में 7 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक कम से कम 55,000 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है। युद्ध, भुखमरी और चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी के चलते हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं।
इंसानियत पर फिर सवाल
जीएचएफ़ जैसे केंद्र जहां राहत की उम्मीद होती है, अगर वहां भी लोगों की जान जा रही हो, तो यह सिर्फ एक युद्ध नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध की तस्वीर पेश करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब सिर्फ निंदा से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे।
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